JRF EXAM
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वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद
वैज्ञानिक एवं इन्वे़̮न्श्न् अनुसंधान परिषद भारत का सबसे बड़ा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी अनुसंधान एवं विकाससंस्थान है।[2] हालांकि इसका वित्तीय प्रबंधन भारत सरकारके विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा होता है, फिर भी ये एक स्वायत्त संस्था है। इसका पंजीकरण भारतीय सोसायटी पंजीकरण धारा १८६० के अंतर्गत हुआ है।[3]
वैज्ञानिक तथा इन्वे़̮न्श्न् अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय संस्थानों/प्रयोगशालाओं का एक बहुस्थानिक नेटवर्क है जिसका मैंडेट विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयुक्त अनुसंधान तथा उपयोगी फोकस अनुसंधान करना है।
इसकी स्थापना १९४२ में हुई थी। इसकी ३९ प्रयोगशालाएंएवं ५० फील्ड स्टेशन भारत पर्यन्त फैले हुए हैं। इसमें १७,००० से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। वतर्मान में ३९ अनुसंधान संस्थान हैं जिनमें पाँच क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाएं शामिल हैं। इनमें से कुछेक संस्थानों ने अपने अनुसंधान क्रियाकलापों को और गति प्रदान करने के लिए प्रायोगिक, सर्वेक्षण क्षेत्रीय केन्द्रों की भी स्थापना की है तथा वतर्मान में 16 प्रयोगशालाओं से सम्बद्ध ऐसे 39 केन्द्र कायर्रत हैं।
सीएसआईआर की गिनती विश्व में इस प्रकार के 2740 संस्थानों में 81वें स्थान पर होती है।(सितंबर २०१४)[4]
सीएसआईआर अनुसंधान प्रयोगशालाएं
- केन्द्रीय औषधीय और सुगंधित पौधा संस्थान, (CIMAP) - लखनऊ
- अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राष्ट्रीय संस्थान(NIIST) - तिरुवनन्तपुरम
- केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की(सीबीआरआई)
- केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ(सीडीआरआई)
- केन्द्रीय विद्युत रासायनिक अनुसंधान संस्थान, कराइकुडी (सीईसीआरआई)
- केन्द्रीय इलेक्ट्रोनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, पिलानी (सीईईआरआई, सीरी)
- केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान, धनबाद
- केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकीय अनुसंधान संस्थान, मैसूर(सीएफटीआरआई)
- केन्द्रीय कांच एवं सिरामिक अनुसंधान संस्थान, कलकत्ता
- केन्द्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान, चेन्नई (सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट, सीएलआरआई)
- केन्द्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुर -CMERI
- केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली(सीआरआरआई)
- केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन, चंडीगढ़(सीएसआईओ)
- केंद्रीय नमक और समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान, भावनगर -CSMCRI
- गणितीय मॉडलिंग व कंप्यूटर सिमुलेशन हेतु सीएसआईआर केन्द्र, बंगलौर (सीएमएमएसीएस)
- जीनोमिक्स और एकीकृत जीवविज्ञान संस्थान, दिल्ली- IGIB
- प्रगत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान, भोपाल(पुराना नाम- क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, भोपाल) [4]
- भारतीय रासायनिक जीवविज्ञान संस्थान, कलकत्ता- IICB -
- भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद(आई आई सी टी)
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, देहरादून(आईआईपी)
- माइक्रोबियल प्रौद्योगिकी संस्थान, चंडीगढ़ - (आईएमटी)
- राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसंधान संस्थान, लखनऊ (NBRI)
- राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, पुणे (एनसीएल)
- राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, नागपुर (नीरी)
- राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद(एनजीआरआइ)
- राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, डोना पाउला (एनआईओ)
- राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (एन ए एल)
- राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर (NML)
- राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्ली (NPL)
- सेलुलर और आण्विक जीवविज्ञान केन्द्र, हैदराबाद (सीसीएमबी)
- संरचनात्मक अभियांत्रिकी अनुसंधान केन्द्र, चेन्नै(SERC)
- विष विज्ञान अनुसंधान, लखनऊ (पूर्व में, 'औद्योगिक विष विज्ञान अनुसंधान केन्द्र' के रूप में जाना जाता था) (IITR)
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उत्तर पूर्व संस्थान, जोरहाट(RRL) NEIST, जोरहाट -
- विज्ञान संचार और सूचना संसाधन का राष्ट्रीय संस्थान, नई दिल्ली (NISCAIR)
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विकास अध्ययन का राष्ट्रीय संस्थान, नई दिल्ली - NISTADS
- हिमालयन जैवसंसाधन प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर- IHBT
- क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, भुवनेश्वर (अब खनिज एवं पदार्थ प्रौद्योगिकी संस्थान(http://www.immt.res.in) के रूप में जाना जाता है)
- क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, जम्मू
सीएसआईआर के बारे में
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विविध क्षेत्रों में अपने अग्रणी अनुसंधान एवं विकास ज्ञानाधार के लिए ज्ञात एक वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) समसामयिक अनुसंधान एवं विकास संगठन है। संपूर्ण भारत में मौजूदगी के चलते सीएसआईआर का 38 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 दूरस्थ केन्द्रों, 3 नवोन्मेषी कॉम्प्लेक्सों और 5 यूनिटों का सक्रिय नेटवर्क है। सीएसआईआर की अनुसंधान एवं विकास सुविज्ञता तथा अनुभव इसके लगभग 4600 सक्रिय वैज्ञानिकों में सन्निहित / समाविष्ट हैं जिन्हें लगभग 8000 वैज्ञानिक एवं तकनीकी कार्मिकों की सहायता प्राप्त है।
सीएसआईआर रेडियो और अंतरिक्ष भौतिकी, महासागर विज्ञान, भूभौतिकी, रसायन, औषध, जीनोमिकी, जैवप्रौद्योगिकी और नैनोप्रौद्योगिकी से खनन, वैमानिकी, उपकरणन, पर्यावरणीय इंजीनियरी तथा सूचना प्रौद्योगिकी तक के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के व्यापक विषयों व क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। यह सामाजिक प्रयासों से जुड़े अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकीय अंतराक्षेपण उपलब्ध कराता है जिसमें पर्यावरण, स्वास्थ्य, पेयजल, खाद्य, आवास, ऊर्जा, कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, वैज्ञानिक एवं तकनीकी मानव संसाधन विकास में सीएसआईआर की भूमिका उल्लेखनीय है।
भारत के बौद्धिक संपदा आंदोलन का पथ प्रदर्शक सीएसआईआर वर्तमान में प्रौद्योगिकी के चयनित क्षेत्रों में देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व दिलवाने के लिए अपने पेटेंट पोर्टफोलियो को सुदृढ़ कर रहा है। सीएसआईआर को किसी भी भारतीय सार्वजनिक वित्तपोषित अनुसंधान एवं विकास संगठन को स्वीकृत अमरीकी पेटेंटों के 90 प्रतिशत पेटेंट स्वीकृत किए गए हैं। सीएसआईआर प्रतिवर्ष औसतन लगभग 200 भारतीय पेटेंट और 250 विदेशी पेटेंट फाइल करता है। सीएसआईआर के लगभग 13.86% पेटेंटों को लाइसेंस प्राप्त है - यह संख्या वैश्विक औसत से अधिक है। विश्व में सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित अपने पीयर अनुसंधान संगठनों में सीएसआईआर विश्वभर में पेटेंट फाइल और अर्जित करने में सबसे आगे है।
सीएसआईआर ने नवीन विज्ञान और उन्नत ज्ञान के क्षेत्रों में अग्रणी कार्य किया है। सीएसआईआर का वैज्ञानिक स्टाफ भारत की वैज्ञानिक जनशक्ति का लगभग 3-4 प्रतिशत है किंतु भारत के वैज्ञानिक निर्गत में उनका योगदान लगभग 10 प्रतिशत है । वर्ष 2012 में, सीएसआईआर ने प्रति शोधपत्र 2.673 के औसत प्रभाव घटक सहित साइंस जर्नलों में 5007 शोधपत्र प्रकाशित किए। वर्ष 2013 में, सीएसआईआर ने प्रति शोधपत्र 2.868 के औसत प्रभाव घटक सहित साइंस जर्नलों में 5086 शोधपत्र प्रकाशित किए।
सीएसआईआर ने उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने के लिए वांछित क्रियाविधि तैयार की है जिससे नए आर्थिक क्षेत्रों के विकास को नया आधार बनाते हुए मूल और बृहत नवोन्मेषों के सृजन और वाणिज्यीकरण को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा ।
सीएसआईआर ने सीएसआईआर @ 80 : दूरदृष्टि एवं रणनीति 2022-नए भारत के लिए नया सीएसआईआर तैयार किया है। सीएसआईआर का मिशन है “नए भारत के लिए नए सीएसआईआर का निर्माण करना” और सीएसआईआर का विजन है “ऐसा विज्ञान करना जो वैश्विक प्रभाव के लिए प्रयास करे, ऐसी प्रौद्योगिकी तैयार करना जो नवोन्मेष आधारित उद्योग को सक्षम बनाए और पराविषयी नेतृत्व को पोषित करे जिसके द्वारा भारत की जनता के लिए समावेशी आर्थिक विकास को उत्प्रेरित किया जा सके”।
शिमागो इंस्टिट्यूशन्स रैंकिंग वर्ल्ड रिपोर्ट 2014 के अनुसार विश्वभर के 4851 संस्थानों में सीएसआईआर का स्थान 84वां है और यह शीर्षस्थ 100 अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में अकेला भारतीय संगठन है। एशिया में सीएसआईआर 17वें और देश में पहले स्थान पर है।
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