विद्या संजीवनी पब्लिक हाई मोहगांव (ध.)

             

                   विद्या संजीवनी पब्लिक हाई मोहगांव (ध.) 

Durgesh Khobragade
M.Sc.Botany
V.S.P.High School Mohgaon Dhapera








































































































Teacher Days

शिक्षक दिवस
विश्व भर में शिक्षकों के सम्मान में निर्धारित दिवस
विश्व के कुछ देशों में शिक्षकों (गुरुओं) को विशेष सम्मान देने के लिये शिक्षक दिवस का आयोजन होता है। कुछ देशों में छुट्टी रहती है जबकि कुछ देश इस दिन कार्य करते हुए मनाते हैं।
भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन (५ सितंबर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को 1962 से शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। देश के पहले उप-राष्‍ट्रपति डॉ राधाकृष्‍णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही किताबें पढ़ने के शौकीन थे और स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे। राधाकृष्णन का निधन चेन्नई में 17 अप्रैल 1975 को हुआ|
देश और उनके शिक्षक दिवस
देशनामतिथि (Date)टिप्पणी
अर्जेन्टीना११ सितम्बरडोमिंगो फास्टिनो सार्मिएन्टो की मृत्यु का दिन
अल्बानियाशिक्षक दिवस७ मार्चसन १८६७ में अल्बानी भाषा में पाठन करने वाला प्रथम स्कूल खुला था।
ऑस्ट्रेलियाWorld Teachers’ Dayअक्टूबर मास का अंतिम शुक्रवार[1]
ब्राज़ीलDocente Dia१५ अक्टूबर1947 में साओ पाउलोके एक छोटे से स्कूल के पढ़ाने वालों ने पहली बार शिक्षक दिवस मनाया। इस तिथि को इसलिए चुना गया क्योंकि अक्तूबर 15, 1827 को पेड्रो १ ने एक फ़रमान के द्वारा ब्राज़ील में प्राथमिक शिक्षा को नियंत्रित किया। यह समारोह पूरे देश में लोकप्रिय हो गया और अक्तूबर 15 को आधिकारिक रूप से 1963 में शिक्षक घोषित किया गया था।[2]
चिलीDía del Profesor१६ अक्टूबर1977 में इस तिथि को चुना गाया क्योंकि इसी दिन चिली के शिक्षकों के कॉलेज (Colegio de Profesores de Chile) की स्थापना हुई थी। [3]
चीन१० सितम्बरसामान्यतः कुछ गतिविधियाँ आयोजित होती हैं जिनमें विद्यार्थी अपने शिक्षकों का आदर करते हैं, जैसे कार्ड और फूल की प्रस्तुति।
चेक गणराज्यDen učitelů२८ मार्चसामान्यतः समारोह या गतिविधियाँ इस दिन नहीं होती हैं, पर शिक्षक कभी-कभी एक दूसरे को तोहफ़े देते हैं।
इक्वाडोर१३ अप्रैल
अल साल्वाडोर२२ जूनएक राष्ट्र-व्यापी छुट्टी के रूप में मनाया जाता है।[4][5]
हांग कांग१२ सितम्बरहांग कांग के चीन का हिस्सा बनने के पश्चात 1997 से शिक्षक दिवस सितम्बर 10 को चीन के साथ-साथ मनाया जाता है।
हंगरीशिक्षक दिवसजून का पहला शनिवार
भारतशिक्षक दिवस५ सितम्बरभारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन (५ सितंबर) भारत में शिक्षक दिवसके रूप में मनाया जाता है।
इंडोनेशियाHari Guru२५ नवम्बर
ईरान२ मई (ईरानी पंचांग में Ordibehesht 12)मोरतेज़ा मोतहरी के वीरगति को प्राप्त होने (मई 2, 1979) की याद में मनाया जाता है।
मलेशियाHari Guru१६ मई1956 में इसी दिन रज़ाक़ रिपोर्ट स्वीकृत हुई जिसके आधार पर मलेशिया में शिक्षा प्रणाली का चयन हुआ। शिक्षक दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त नहीं है।
मेक्सिकोDía del Maestro१५ मई
मंगोलियाБагш нарийн баярын өдөр (शिक्षक दिवस)फ़रवरी का पहला सप्ताहांत
पाकिस्तानशिक्षक दिवस५ अक्टूबरइसके माध्यम से शिक्षकों का महत्व और उनके गुणों मान्यता दी जाती है ताकि पाकिस्तान की शिक्षा प्रणाली में लगातार प्रगति हो।
पेरूDía del Maestro६ जुलाई1953 में पेरू के राष्ट्रपति मैनुएल ए ऑड्रिया ने अध्यादेश द्वारा 6 जुलाई को शिक्षक दिवस घोषित किया था क्योंकि पेरू स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जोसे डे सन मार्टिन इसी दिन 1822 नौर्मल स्कूल का प्रस्ताव पारित किया था। [6]
फ़िलीपीन्स५ अक्टूबर
  • आधिकारिक तौर पर 5 अक्टूबर [7]
  • वास्तव में सितम्बर-अकतूबर के बीच बनाया जाता है।
  • फ़िलिपीनो-चीनियों के स्कूलों में यह सितम्बर 27 को मनाया जाता है जबकि 28 कन्फूश्स के जन्मदिन की छुट्टी दी जाती है।[8].
  • कुछ कैथलिक स्कूलों में यह जनवरी 26 मनाया जाता है। [9]
पोलैंडDzień Nauczyciela१४ अक्टूबर
रूसДень Преподавателя५ अक्टूबर1994 से अक्तूबर 5 को विश्व शिक्षक दिवस के अनुरूप मनाया जाता है।
सिंगापुर१ सितम्बरआधिकारिक स्कूल की छुट्टी। सामान्यतः समारोह एक दिन पूर्व होते हैं, जब विद्यार्थियों को आधे दिन के बाद छोड़ा जाता है।
दक्षिण कोरिया스승의 날१५ मई 1963 से सियोल में और 1964 से चुंजू शहर मेंपूर्व में शिक्षकों को उपहार देने की प्रथा थी। आजकल रिश्वत के आरोपों के चलते कई स्कूल इस दिन बन्द रहते हैं।
ताइवान२८ सितम्बरस्कूलों में यह सितम्बर 27 को मनाया जाता है जबकि 28 कन्फूश्स के जन्मदिन की छुट्टी दी जाती है।
थाईलैंडวันครู१६ जनवरीथाईलैंड सरकार द्वारा एक प्रस्ताव २१ नवम्बर१९५६ को पारित करके प्रथम शिक्षक दिवस 1957 में मनाया गया।
तुर्कीÖğretmenler Günü२४ नवम्बरकमाल अतातुर्क का विचार था कि नई नसल का निर्माण शिक्षकों द्वारा होता है। अतातुर्क को ही सर्वोच्च शिक्षक (तुर्की भाषा:Başöğretmen) माना गया है क्यों कि उन्होंने तुर्की के लिए नई लिपि को 1923 में अपने देश के लिए चुना।
संयुक्त राज्य अमेरिकाराष्ट्रीय शिक्षक दिवस ६ मई को मनाया जाता है। गुरु-मान्यता सप्ताह मई के पूरे सप्ताह मनाया जाता है।[10] मसाचुएट्स में यह जून के पहले सप्ताह मनाया है।
वियतनामNgày nhà giáo Việt Nam२० नवम्बरयह पहली बार 1958 में अंतरराष्ट्रीय शिक्षकों के घोषणा पत्र के दिन के रूप में मनाया गया। 1982 में इसे पुनः नामांकित करके वियतनामी शिक्षक दिवस घोषित किया गया था।
















































26 जनवरी गणतंत्र दिवस 

भारतीय संविधान के पिता डॉ॰ बी आर आंबेडकर संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ॰ राजेन्द्र I प्रसाद को भारतीय संविधान सुपूर्द करते हुए, 26 नवंबर 1949




आंबेडकरवादी और बौद्ध लोगों द्वारा कई दशकों पूर्व से ‘संविधान दिवस’ मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा पहली बार 2015 से डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के इस महान योगदान के रूप में 26 नवम्बर को "संविधान दिवस" मनाया गया।[2][3] 26 नवंबर का दिन संविधान के महत्व का प्रसार करने और डॉ॰ भीमराव आंबेडकर के विचारों और अवधारणाओं का प्रसार करने के लिए चुना गया था।[4]
hamare desh , ek nya कानून इसी दिन को बन कर तेयार हुआ भारतीय संविधान सभा में 15 महिलाओं की संख्या थी
भारत में 26 जनवरी खास महत्व रखता है। इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था यानि देश में कानून के राज की शुरुआत हुई। 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व का दर्जा प्राप्त है। हर साल इस दिन को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत अपने गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाता है। इंडिया गेट पर राज्यों की झांकियां निकाली जाती हैं और राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। आइए जानते हैं कि भारतवासियों के लिए क्यों खास है यह दिन- 
इसलिए है खास 26 जनवरी 
वर्ष 1929 के दिसंबर महीने में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। इसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे। इस अधिवेशन में प्रस्ताव पास हुआ कि अगर अंग्रेजी  हुकूमत 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन का पद नहीं देता है तो भारत खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र घोषित कर देगा। इसके बावजूद 26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं दिया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन शुरू किया। इस दिन जवाहर लाल नेहरु ने लाहौर में रवि नदी के किनारे तिरंगा फहराया। इसके बाद भारत ने 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया। उस दिन से 1947 में देश के आजाद होने तक 26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। इसके बाद देश आजाद हुआ और 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 तक तैयार हो गया था। तब जो नेता थे उन्होंने दो महीने और रुकने का निर्णय लिया। और फिर 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ और इस दिन को तब से गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।

26 नवंबर संविधान दिवस
भारत के आजाद होने के बाद संविधान सभा का गठन हुआ। संविधान सभा ने अपना काम 9 दिसंबर 1946 से शुरू किया। दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान 2 साल, 11 माह, 18 दिन में तैयार हुआ। संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सौंपा गया, इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की। इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की आजादी थी। अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए। इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को यह देश भर में लागू हो गया। 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई। 

डॉ. भीमराव अंबेडकर थे प्रारूप समिति के अध्यक्ष 
संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। डॉ. भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। संविधान निर्माण में कुल 22 समितियां थीं जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टिंग कमेटी) सबसे प्रमुख और महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्ण संविधान लिखना या निर्माण करना था। प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे। अंबेडकर को संविधान का पिता भी कहते हैं।


संसद भवन के पुस्तकालय में है संविधान की हाथ से लिखी मूल प्रतियां 
भारतीय संविधान की दो प्रतियां जो हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गई। भारतीय संविधान की हाथ से लिखी मूल प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी हुई हैं। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने गवर्नमैंट हाऊस में 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी। गणतंत्र दिवस की पहली परेड 1955 को दिल्ली के राजपथ पर हुई थी। 29 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है जिसमें भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के बैंड हिस्सा लेते हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री अमर ज्योति पर शहीदों को श्रद्धाजंलि देते हैं जिन्होंने देश के आजादी में बलिदान दिया।

26 January 2020: जानिए गणतंत्र दिवस का इतिहास, महत्‍व और रोचक तथ्‍य

 Republic Day 2020: डॉ. भीमराव अंबेडकर (B. R. Ambedkar) ने संविधान को दो साल, 11 महीने और 18 दिनों में तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया था. आपको बता दें, हमारा संविधान विश्‍व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है.
26 January 2020: जानिए गणतंत्र दिवस का इतिहास, महत्‍व और रोचक तथ्‍य
Republic Day 2020: भारतीय संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था.
Republic Day 2020: भारत में हर साल 26 जनवरी (26 January) को गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है.. इस साल देश 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. दरअसल, 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ, जिसके उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. डॉ. भीमराव अंबेडकर (B. R. Ambedkar) ने संविधान को दो साल, 11 महीने और 18 दिनों में तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया था. आपको बता दें कि हमारा संविधान विश्‍व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है. इसे बनाने वाली संविधान सभा के अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर थे, जबकि जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे.
गणतंत्र दिवस का इतिहास
गणतंत्र दिवस का इतिहास (Republic Day History) बड़ा ही रोचक है. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 (26 January) को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया. साल 1929 की दिसंबर में लाहौर में पंडित जावरहलाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस का अधिवेशन किया गया था. इस अधिवेशन में प्रस्ताव पारित करते हुए इस बात की घोषणा की गई कि यदि अंग्रेज सरकार द्वारा 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियन का दर्जा नहीं दिया गया तो भारत को पूर्ण रूप से स्‍वतंत्र देश घोषित कर दिया जाएगा.
26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ किया. उस दिन से 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त होने तक 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता रहा. इसके बाद 15 अगस्त 1947 को वास्तविक स्वतंत्रा प्राप्त करने के बाद इस दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा. भारत के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से शुरू किया. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे.

26 जनवरी 1950 को कैसे लागू हुआ संविधान?
डॉ० भीमराव आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे. संविधान निर्माण में कुल 22 समितीयां थी, जिसमें प्रारूप समिति (ड्राफ्टींग कमेटी) सबसे प्रमुख और महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य संपूर्ण 'संविधान लिखना' या 'निर्माण करना' था. प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव आंबेडकर थे. प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से डॉ. आंबेडकर ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया.
जिसके बाद अनेक सुधारों और बदलावों के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए. इसके दो दिन बाद संविधान 26 जनवरी को देश भर में लागू हो गया. 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा (कांस्टीट्यूएंट असेंबली) द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता प्रदान की गई. इसलिए 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.  
1. देश में राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड (Republic Day Parade) आयोजित होती है. यह परेड आठ किलोमीटर की होती है और इसकी शुरुआत रायसीना हिल से होती है. उसके बाद राजपथ, इंडिया गेट से होते हुए ये लाल किले पर समाप्‍त होती है.
2. 26 जनवरी, 1950 को पहली गणतंत्र दिवस परेड, राजपथ के बजाय तत्‍कालीन इर्विन स्‍टेडियम (अब नेशनल स्‍टेडियम) में हुई थी. उस वक्‍त इर्विन स्‍टेडियम के चारों तरफ चारदीवारी नहीं थी और उसके पीछे लाल किला साफ नजर आता था.





.4. पूर्ण स्वराज दिवस (26 जनवरी 1930) को ध्यान में रखते हुए भारत के संविधान को 26 जनवरी को लागू किया गया था.

5. राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है. 21 तोपों की ये सलामी राष्ट्रगान की शुरूआत से शुरू होती है और 52 सेकेंड के राष्ट्रगान के खत्म होने के साथ पूरी हो जाती है.
6. हर साल गणतंत्र दिवस पर राज्यों की झाकियां निकलती हैं, जिसका टीवी पर लाइव प्रसारण भी किया जाता है. गणतंत्र दिवस के मौके पर खासतौर पर झाकियां देखने के लिए कई लोग इंडिया गेट भी जाते हैं. 




Other Movement 


























































































सत्र --2020 15अगस्त2020





Comments

Popular posts from this blog

Durgesh Khobragade Profile

Laws of Biodiversity Conservation in India

Biodiversity Lalburra