Durgesh Khobragade M. Sc. Botany










शासकीय जटा शंकर स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालाघाट 

विभाग - वनस्पति विज्ञान 







Wel Come Party 

* 05 सितम्बर शिक्षक दिवस

05/09/2018

* WEL - COME PARTY 

12/10/2018

* गांगुलपारा  plant Collection 

14/10/2018



गांगुलपारा बांध और झरना
गांगुलपारा बांध और झरना मध्य भारतीय राज्य मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में स्थित है। यह बालाघाट से 14 किलोमीटर की दूरी पर है। बैहर रोड पर इस झरने की खोज की जा सकती है। यह प्राकृतिक सौंदर्य और भव्यता का एक अद्भुत मिश्रण है, जो दर्शकों की आँखों को आकर्षित करता है! स्थानीय लोगों के लिए एक आदर्श पिकनिक स्थल है, यह अक्सर सप्ताहांत के लिए उनके द्वारा दौरा किया जाता है।
प्रकृति प्रेमी इस जल निकाय की सराहना करते हैं, जो घीसरी नाला के पानी के लिए भंडारण टैंक के रूप में भी काम करता है। यह जल अभ्यारण्य आस-पास के स्थानीय गाँव, टेकड़ी के किसानों की सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करता है।
गांगुलपारा बांध बहुत सारी पहाड़ियों से घिरा हुआ है और इसके बीच में एक प्राकृतिक पानी की टंकी दिखाई देती है। आप 52 घाटों से गुजरते हुए गंगुलपारा बांध को भी देख सकते हैं जो इस बांध से घिरे हुए है। बरसात का यह सत्र बहुत सुंदर तथा यहां प्राकृतिक छोटे-छोटे झरने हर जगह बह बहते है ।









* बजरंग घाट शैक्षणिक भ्रमण (Plant Collection )





बजरंग घाट

बजरंग घाट प्रकृति प्रेमियों और तैराकों के लिए सच होते सपने जैसा है, जो शहर के तरणताल के उथलेपन और प्रतिबंध को पसंद नहीं करते हैं। वन रेंजर्स कॉलेज बालाघाट से होकर गुजरने वाले मार्ग सहित इस सुंदर घाट के विभिन्न मार्गों को देख सकते हैं। “बजरंग घाट” में छोटे टेम्पल और “अखाड़े” हैं और बहुत ही धीरे-धीरे बढ़ती गहराई के साथ एक सुरक्षित घाट है, जिससे यह एक आदर्श “प्राकृतिक स्विमिंग पूल” बनता है। घाट गर्मियों के मौसम में एक बड़ी भीड़ का गवाह बन जाता है। घाट के दूसरी तरफ “जलज” के नाम से जाना जाता है, जो एक बड़ी जलमग्न चट्टान का सिरा है और जो उस तक पहुंचने के लिए नदी को पार कर सकता है, के लिए एक विश्राम स्थल के रूप में कार्य करता है। यहाँ पर एक स्थानीय तैराक क्लब भी स्थित है, जो कि जीला तैराकी संघ बालाघाट के नाम से जाना जाता है। यह घाट वैनगंगा नदी पर है।










2019

जनवरी 

05 जनवरी 2019









09 जनवरी 2019 ( बैहर कॉलेज )







सुपखार 









MPSET EXAM 

फरवरी 2019









































































 मार्च 2019

अप्रैल 2019

मई 2019

जून 2019

जुलाई 2019

अगस्त 2019

सितम्बर  2019


















अक्टूबर 2019

M.Sc.Botany Last Day (कॉलेज का आखिरी दिन) 


























हम रहे या ना रहे कल, पल याद आएंगे ये पल
पल ये हैं प्यार के पल ,
चल आ मेरे संग चल
चल सोचे क्या ,छोटी सी है ....ज़िंदगी
कल मिल जाए तो होगी खुशनसीबी।

एग्जाम का आखिरी दिन था और कॉलेज का भी। पेपर देकर क्लास से बाहर निकलते हर किसी की नज़रे बस अपने अपने दोस्तों और साथियों को ढूंढ़ रही थी। पलक झपकते बीते वो पिछले दो साल आँखों के सामने जैसे एक एक कर घूम रहे थे। कॉलेज का पहला दिन और लिस्ट में अपना नाम ढूंढ़ती नज़रें आज एक दूसरे को ढूंढ रहीं थी। अपना सामान बैग में रखते हुए सब छोड़कर मैं सबसे पहले अपने वो क्लासरूम में जाकर बैठ गया। कितना सन्नाटा था आज , कोई नहीं था पर हर रोज़ हंसने खिलखिलाने की आवाज़ आज भी कानों में गूंज रही थी। हाथ से बेंच को छुआ तो याद आया कॉलेज का वो पहला दिन , अकेला चुपचाप आकर बैठ गया था और ना जाने कब पलक झपकते ही खुद को सबके बीच बैठा पाया था।
क्लास की एक खिड़की के बाहर नज़र गयी तो दोस्तों की एक टोली को एक दूसरे से गले लगते और आँखें बरसाते हुए पाया। देखकर मेरी भी आँखें भर आयी ,स्कूल तक तो चलो माना बचपना था और दोस्ती थोड़ी कच्ची रहती थी इसलिए इतना दिल नहीं दुखा था। पर कॉलेज में बीता वो हर एक पल आज आखों के सामने किसी फिल्म के जैसे गुज़र रहा था। कैंटीन में बैठकर घंटों गप्पे मारना हो या फिर लाइब्रेरी में चुपके से किसी के हाथों में हाथ डालकर बैठना हो; जैसे आज सब छूट रहा था।












































































































अक्टूबर 2019

नवम्बर 2019

दिसम्बर 2019






























































































1. 

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